पवित्रम योग आरोग्य अभियान के अंतगर्त खान-पान, ,दिनचर्या एवं योग के माध्यम से आरोग्य प्राप्त करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ,स्कूलों ,कालेजों मे बच्चों को आरोग्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है ,शहरों मे आरोग्य केंप लगाए जा रहे है ,इस अभियान मे विभिन्न चिकित्सा पद्दतीयों (प्राकृतिक चिकित्सा ,पंचगव्य चिकित्सा ,सूर्य चिकित्सा ,मिट्टी चिकित्सा ,जल चिकित्सा ,आयुर्वेद चिकित्सा ) के माध्यम से हम बिना किसी दवा के कैसे स्वस्थ रह सकते है ,यह सिखाया जा रहा है ,इस अभियान को सफल बनाने के लिए पहले कार्यकर्तायो को प्रशिक्षित किया जा रहा है ,फिर वो कार्यकर्ता स्कूल ,कालेज एवं अन्य अलग अलग जगह मे जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रहे है ,अनलाइन ,ऑफलाइन प्रशिक्षण दे रहे है ।
आज का युवा वर्ग खान-पान , दिनचर्या के प्रति अत्यन्त लापरवाह होते जा रहा है ,जिसके कारण उनको स्वास्थ्य से सम्बधित अनेक समस्याए हो रही है , जो आगे चलकर गम्भीर बीमारी का रूप घारण कर लेती है , संसार का पहला सुख निरोगी काया है ,अगर हमारा युवा वर्ग पूर्ण रूप से स्वस्थ होगा तभी हम स्वस्थ भारत का निर्माण कर पायेगे । व्यक्ति की सोच अगर दूषित है तो वह सोच हर पल उसकी आत्महत्या करती है ,उसकी सोच उसे हर समय चिंता,तनाव,अवसाद को जन्म देती है इसलिय जरूरी है हमारे युवा केवल शारीरिक रूप से ही नही मानसिक रूप से भी स्वस्थ हो , इसके लिए युवायों का सही मार्गदर्शन आवश्यक है । योग और मेडिटेशन का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। ये दोनों अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। योग शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, जबकि मेडिटेशन मन को शांत करता है और तनाव कम करता है। स्कूलों ,कालेजों मे बच्चो के बीच योगा एवं मेडिटेशन के अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है ,कर्यकर्तायो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।