पवित्रम सेवा साधना अभियान के अंतगर्त अनेक तरह के सेवा कार्यक्रम चलाए जा रहे है ,सुदूर गावों मे ,वनवासी छेत्रों में चिकित्सा केंप लगाए जा रहे है ,ओषधिया वितरित की जा रही है ,अनेक तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। विभिन्न त्योहारों को आडंबर व दिखावा छोड़ ,सेवा से जोड़कर मनाने का आव्हान किया जा रहा है – दीपावली पर्व को सुदूर बस्तियों मे दीपक ,तेल व मिठाईया वितरित करके मनाया जा रहा है। होली पर्व को इको फ़्रेंडली मनाने का आव्हान किया जा रहा है ताकि पर्यावरण को किसी तरह का कोई नुकसान न हो । हमारा हर त्योहार ,पर्व भाईचारे का ,आपसी सदभाव का ,प्रकृति रक्षा का ,पर्यावरण रक्षा का संदेश देता है, इसी भाव व संदेश के साथ मनाना चाहिए । सभी त्यौहार ,उत्सव ,मांगलिक पर्व सादगी ,पर्यावरण के नियमो का पालन करते हुए मनाने का आव्हान किया जा रहा है ,हमारा हर त्यौहार पर्यावरण की रक्षा संदेश देता । पवित्रम टीम घर घर जाकर अग्निहोत्र का प्रशिक्षण दे रही है ,हर त्यौहार को अग्निहोत्र के साथ मनाने का आव्हान कर रही है ,विवाह जेसे मांगलिक उत्सव को भी पर्यावरण के नियमो का पालन करते हुए ,बड़ी सादगी ,पवित्रता के साथ मनाने का आव्हान कर रही है ,पवित्रम सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है - जो दिन में सम्पन्न करवाए जाते है ,वर-वधु को नशा से दूर रहने का एवं पर्यावरण के नियम पालन करने का संकल्प करवाया जाता है । भजन -कीर्तन के सामूहिक कार्यक्रम ,डांडिया उत्सव आदि अत्यंत खर्चीले एवं भक्ति भाव से दूर होते जा रहे है ,इन सभी कार्यक्रमों को सादगी एवं भक्ति भाव के साथ मनाने का आव्हान किया जा रहा है ।
सादगी पुर्ण ,पर्यावरण के नियमो के साथ आदर्श -पवित्रम सामूहिक विवाह कार्यक्र्म
नशा से दूर रहते हुए - सादगी ,पर्यावरण के नियमो का पालन करने की शपथ